हिमाचल में ओमिक्रॉन का पहला मामला, कनाडा से मंडी लौटी महिला निकली संक्रमित

संक्रमित महिला तीन दिसंबर को कनाडा से लौटी थी। महिला का आईजीएमसी शिमला में 12 दिसंबर को आरटीपीसीआर टेस्ट हुआ, जिसमें वह पॉजिटिव पाई गई। इसके बाद 18 दिसंबर को महिला का सैंपल डब्ल्यूजीएस के लिए दिल्ली भेजा गया। 26 दिसंबर को आई रिपोर्ट में यह महिला ओमिक्रॉन से संक्रमित पाई गई है।

हिमाचल में ओमिक्रॉन का पहला मामला, कनाडा से मंडी लौटी महिला निकली संक्रमित संक्रमित महिला तीन दिसंबर को कनाडा से लौटी थी। महिला का आईजीएमसी शिमला में 12 दिसंबर को आरटीपीसीआर टेस्ट हुआ, जिसमें वह पॉजिटिव पाई गई। इसके बाद 18 दिसंबर को महिला का सैंपल डब्ल्यूजीएस के लिए दिल्ली भेजा गया। 26 दिसंबर को आई रिपोर्ट में यह महिला ओमिक्रॉन से संक्रमित पाई गई है।

हिमाचल प्रदेश में कोरोना संक्रमण के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन ने दस्तक दे दी है। पहला मामला मंडी के खलियार से आया है। कनाडा से मंडी लौटी 47 साल की महिला में ओमिक्रॉन की पुष्टि हुई है। सोमवार को मंडी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनसभा से पहले रविवार को ओमिक्रॉन का मामला सामने आते ही शासन और प्रशासन में हड़कंप की स्थिति रही। पीएमओ कार्यालय से भी इस संबंध में रिपोर्ट मांगी गई। प्रदेश स्वास्थ्य विभाग ने दिल्ली में जांच के लिए सात सैंपल भेजे थे, जिसमें मंडी से 4 और  हमीरपुर, शिमला व कांगड़ा एक-एक सैंपल भेजा गया। इनमें से एक सैंपल की रिपोर्ट 26 दिसंबर को आई है, जिसमें महिला ओमिक्रॉन से संक्रमित निकली है। हालांकि, महिला 24 दिसंबर को लिए गए आरटीपीसीआर में निगेटिव निकली है। मामले की पुष्टि एनएचएम के एमडी हेमराज बैरवा ने की है। उन्होंने कहा कि एनसीडीसी को सिक्वेंसिंग के लिए और नमूने भेजे जा रहे हैं, लेकिन महिला का आरटीपीसीआर टेस्ट अब निगेटिव है और साथ के सभी तीन संपर्क भी निगेटिव है। 

यह है ट्रेवल हिस्ट्रीसंक्रमित महिला तीन दिसंबर को कनाडा से लौटी थी। महिला का आईजीएमसी शिमला में 12 दिसंबर को आरटीपीसीआर टेस्ट हुआ, जिसमें वह पॉजिटिव पाई गई। इसके बाद 18 दिसंबर को महिला का सैंपल डब्ल्यूजीएस के लिए दिल्ली भेजा गया। 26 दिसंबर को आई रिपोर्ट में यह महिला ओमिक्रॉन से संक्रमित पाई गई है। महिला कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगवा चुकी है। दूसरी डोज 25 अप्रैल को लगाई है। महिला के संपर्क में उसकी 70 वर्षीय मां, 79 वर्षीय पिता और 47 साल की बहन रही। इन सभी के आरटीपीसीआर 24 दिसंबर को किए गए हैं। सभी निगेटिव पाए गए हैं और 14 दिनों से होम आईसोलेट हैं।

बेहद थकान और आलस्य:

सभी वायरल संक्रमण में ये लक्षण संभव है, लेकिन ओमिक्रॉन के मरीजों में इसे ज्यादा पाया गया। मांसपेशियों और पीठ में दर्द बड़ा लक्षण है। संक्रमितों के गले में चुभन ज्यादा होती है, वहीं डेल्टा पीड़ितों के गले में दर्द पाया जा रहा था। डेल्टा में तेज बुखार मिला, वहीं ओमिक्रॉन के मरीजों में हल्का बुखार और बदन टूटने के लक्षण होते हैं। ओमिक्रॉन संक्रमण में सबसे बेहतर बात यह है कि मरीज की सांस नहीं फूलती। डेल्टा वायरस में जहां गंध और स्वाद गायब हो रहा था, वहीं ओमिक्रॉन से पीड़ित में ऐसे लक्षण नहीं मिल रहे हैं

मास्क को न हटाएं। वैक्सीन की दोनों डोज जरूरी है। ओमिक्रॉन बेशक हल्के लक्षणों वाला है, लेकिन शुगर और कमजोर प्रतिरोधक क्षमता के मरीजों के लिए यह वैरिएंट घातक भी हो सकता है।

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